वक़्त, जो किसी के लिए नहीं रुकता
बस हौसलों का मोहताज होता है,
ताकि वो बन-बिगड़ सके कोशिशों के दरम्यान
और करवट ले सके ज़िन्दगी
उम्र के तमाम पथरीले रास्ते वक़्त ने भी तय किए हैं
वक़्त बदलते देर नहीं लगती,
ठोकरों पर रुककर वो पीछे नहीं देखता
बस आगे बढ़ जाता है
हम वक़्त को लहूलुहान करते हैं अपनी हर गलती से
उम्र के तमाम साल बस सोचने में रह जाते हैं
आज वक़्त बर्बाद करने वालों को याद रखना होगा,
वो माफ़ नहीं करता, कल तुम्हें बर्बाद कर देगा